रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।
नीच केतु व्यक्ति को मतिभ्रम का शिकार बनाता है और अपराध के गर्त में धकेलता है। ऐसे व्यक्ति सच्चाई की राह छोड़कर हमेशा गलत रास्ता अपनाते हैं। अच्छी बातें और अच्छे लोग उन्हें भाते नहीं इसलिए कभी भी सच्चाई से अवगत नहीं हो पाते।
: केतु का शुभ होना अर्थात पद, प्रतिष्ठा और संतानों का सुख। यह मकान, दुकान या वाहन पर ध्वज के समान है। शुभ केतु से व्यक्ति का रुतबा कायम रहता है।
केतु का उपाय : केतु को बुद्धि भ्रष्ट करने वाला माना जाता है। इसलिए इसके दुष्प्रभावों से बचने का सबसे बेहतर तरीका है कि मां सरस्वती और गणपति की अराधना करें। साथ ही मां लक्ष्मी की भी नियमित पूजा करें। आपको धन-समृद्धि और सम्मान की कभी कमी नहीं होगी।संतानें केतु हैं। इसलिए संतानों से संबंध अच्छे रखें। भगवान, गणेश की आराधना करें। दोरंगी कुत्ते को रोटी खिलाएं। कान छिदवाएं अर्थात कर्णवेध संस्कार करावे।