चर्मरोग के कारक ग्रह और भाव

                          चर्मरोग के कारक ग्रह और भाव ज्योतिष में त्वचा का कारक बुध ग्रह को माना जाता है| बुध यदि शुभ अवस्था में है, तो व्यक्ति की त्वचा अत्यन्त स्निग्ध होती है एवं त्वचा सम्बन्धी कोई भी बीमारी उसे नहीं होती है, लेकिन यदि बुध पापयुक्त अथवा पापद्रष्ट है...

अंगो के फड़कने का रहस्य

                      अंगो के फड़कने का रहस्य अन्य प्राणियों की तुलना में हमारा शरीर काफी संवेदनशील होता है। यही कारण है कि भविष्य में होने वाली घटना के प्रति हमारा शरीर पहले ही आशंका व्यक्त कर देता है। शरीर के विभिन्न अंगों का फड़कना भी भविष्य में होने वाली घटनाओं से...

कुंडली में अष्टम भाव का परिचय

                  *कुंडली में अष्टम भाव का परिचय* *अष्टम भाव से व्यक्ति की आयु व मृत्यु के स्वरुप का विचार किया जाता है| इस दृष्टि से अष्टम भाव का महत्व किसी भी प्रकार से कम नही है| क्योंकि यदि मनुष्य दीर्घजीवी ही नही तो वह जीवन के समस्त विषयों का आनंद कैसे उठा सकता...

ग्रहों कि युति और प्रतियुति

                    ग्रहों कि युति और प्रतियुति ===={{================}}============ जब दो ग्रह एक ही राशि में हों तो इसे ग्रहों की युति कहा जाता है। जब दो ग्रह एक-दूसरे से सातवें स्थान पर हों अर्थात् 180 डिग्री पर हों, तो यह प्रतियुति कहलाती है। अशुभ ग्रह या...

जन्म कुंडली के दशम भाव में सूर्य का शुभ/अशुभ फल

                                          जन्म कुंडली के दशम भाव में सूर्य का शुभ/अशुभ फल ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ शुभ सूर्य दशम स्थान में सूर्य मीन, मेष, सिंह, कन्या एवं वृश्चिक राशि मे होकार यदि मंगल, गुरु, बुध आदि शुभ ग्रहों से युत या दृष्ट हो तो ऐसे जातक...

ज्योतिष और रोग, सिंह लग्न में रोगों के संभावित योग

                  ज्योतिष और रोग ~~~~~~~~~~~~ सिंह लग्न में रोगों के संभावित योग ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आज हम सिंह लग्न में होने वाले संभावित रोगों की व्याख्या करेंगे। सिंह लग्न और रोग ~~~~~~~~~~~~~~ (1) सिंह लग्न में सूर्य सातवें हो तो मनुष्य को नेत्र रोग होता है। (2)...