माँ मदालसा: महर्षि कश्यप पुत्र गंधर्वराज विश्वावसु पुत्री

                                    माँ #मदालसा: महर्षि #कश्यप पुत्र गंधर्वराज #विश्वावसु पुत्री.. ऋषियों ने भारतभूमि को आदिकाल से अपनी तपस्या द्वारा पुण्यभूमि बनाया है। यहां अनेक प्रकार के विद्वान ऋषि तथा विदुषियां हुई हैं, जिनके अच्छे कार्यों के लिए उन्हें सदैव...

भारतीय गणित का इतिहास~ एक सिंहावलोकन-

                  भारतीय गणित का इतिहास~ एक सिंहावलोकन- सभी प्राचीन सभ्यताओं में गणित विद्या की पहली अभिव्यक्ति गणना प्रणाली के रूप में प्रगट होती है। अति प्रारंभिक समाजों में संख्याये रेखाओं के समूह द्वारा प्रदर्शित की जाती थी। यद्यपि बाद में विभिन्न संख्याओं को...

अपर्णा कुमारी अपर नाम ‘अक्षु’ द्वारा महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र पर परम्परागत नृत्य का एक प्रयास

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्द नुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१॥    ...

कालिदास त्रयी-३ मुख्य कालिदास थे तथा अन्य ३ का उपनाम कालिदास था

                         अरुण उपाध्याय जी की कलम से – कालिदास त्रयी-३ मुख्य कालिदास थे तथा अन्य ३ का उपनाम कालिदास था। तीन कालिदासों का उल्लेख राजशेखर की काव्य मीमांसा में किया है, जल्हण की सूक्ति मुक्तावली तथा हरि कवि की सुभाषितावली मे भी- एकोऽपि जीयते...