*ज्योतिष शास्त्र और वैवाहिक योग-
१:-सप्तम भाव या सप्तम से सम्बन्ध रखने वाले ग्रह की महादशा या अन्तर्दशा में विवाह होता है.!
२:- कन्या की कुन्डली में शुक्र से सप्तम और पुरुष की कुन्डली में गुरु से सप्तम की दशा में या अन्तर्दशा में विवाह होता है.!
३:- सप्तमेश की महादशा में पुरुष के प्रति शुक्र या चन्द्र की अन्तर्दशा में और स्त्री के प्रति गुरु या मंगल की अन्तर्दशा में विवाह होता है.!
४:- सप्तमेश जिस राशि में हो, उस राशि के स्वामी के त्रिकोण में गुरु के आने पर विवाह होता है.!
५:- गुरु गोचर से सप्तम में या लग्न में या चन्द्र राशि में या चन्द्र राशि के सप्तम में आये तो विवाह होता है.!
६:- गुरु का गोचर जब सप्तमेश और लगनेश की स्पष्ट राशि के जोड में आये तो विवाह होता है.!
७:- सप्तमेश और गुरु का त्रिकोणात्मक सम्पर्क गोचर में आने से शादी करवा देता है, या प्यार प्रेम चालू हो जाता है.!!
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