मुहूर्त काल अर्थात् समय के ज्ञान की इकाई है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से शुभाशुभ कार्यों को करने के लिए किया जाता है। वैदिक ज्योतिष विज्ञान के अनुसार हर कार्य को आरंभ करने का एक निश्चित समय होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस विशेष समय में ग्रह और नक्षत्र के प्रभाव से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। “कालः शुभ क्रियायोग्यो मुहूर्त इति कथ्यते। ” -मुहूर्तदर्शन,विद्यामाधवीय (१/२०)
ऐसा काल या समय जो समस्त क्रियाओं अर्थात् किसी भी कार्य के योग्य हो, मुहूर्त कहलाता है। इसी को हम शुभ मुहूर्त, उत्तम मुहूर्त, शुभ समय या शुभ काल भी कहते हैं।
ज्योतिष के द्वारा काल ज्ञान होता है और प्राचीन काल से सभी कार्यों के लिए हमारे महान ऋषियों ने शुभ समय का विचार किया। समय सबसे शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि इसका प्रभाव सभी पदार्थों पर पड़ता है चाहे वह जड़ हो अथवा चेतन, इसलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने व्यक्ति के गर्भ से मृत्यु उपरांत 16 संस्कारों तथा अन्य सभी मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त ज्ञान को आवश्यक बताया है। मिलते है इसी कड़ी में जिसको भी मुहूर्त की जिज्ञासा हो वह कोरोना काल के बाद भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुरूप उपनिषद् विद्या की तरह आकर मुहूर्त शास्त्र को हमसे पढ़ सकता है। आप सभी सादर आमन्त्रित है-
डॉ. अश्विनी पाण्डेय
(लब्ध स्वर्णपदक)
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी।
Recent Comments