देवीभागवत में प्रकृतितात्विक खगोलविज्ञान और अयन-रहस्य

        देवीभागवत में प्रकृतितात्विक खगोलविज्ञान और अयन-रहस्य ~ भारतीय प्राचीन संस्कृति के साथ विज्ञान भित्तिक तथ्यों से भरपूर है। हमारे मुनिरुषी कृत पुराण- सम्भार। इन्ही पुराणों में से एक है, विद्वानों के द्वारा बहु चर्चित “देवीभागवत”, जो यथार्थ में...

अष्टम भाव का मंगल

            अष्टम भाव का मंगल ~ सुभगां महीज: वैदिक ज्योतिष के अनुसार आठवें घर से स्त्री का सौभाग्य , मानसिक बीमारी , आयु, मृत्यु, गुप्त ज्ञान , क्लेश , बदनामी, खनन , पत्नी का धन, ससुराल, दुर्घटना , गुदा , गुप्त विद्या आदि का विचार किया जाता है | आठवें घर की और गहराई...

कालिय नाग

                    कालिय नाग कालिय नाग कद्रू का पुत्र और पन्नग जाति का नागराज था। वह पहले रमण द्वीप में निवास करता था, किंतु पक्षीराज गरुड़ से शत्रुता हो जाने के कारण वह यमुना नदी में कुण्ड में आकर रहने लगा था। यमुनाजी का यह कुण्ड गरुड़ के लिए अगम्य था, क्योंकि इसी...

ब्रह्मकमल

                        ब्रह्मकमल ……. ब्रह्म कमल अर्थात ब्रह्मा का कमल, यह फूल मां नन्दा का प्रिय पुष्प है, इसलिए इसे नन्दाष्टमी के समय में तोड़ा जाता है और इसके तोड़ने के भी सख्त नियम होते हैं।कहा जाता है कि ज्यादातर फूल सूर्यास्त के बाद नहीं खिलते, पर...

कुंडली से जानिये समस्या और उपाय

                        जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच राशि में हो या राहु से पीड़ित हो तो ऐसे व्यक्तियों में आत्मविश्वास की बहुत कमी बनी रहती है ऐसे लोगो के लिए “आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ करना अमृत तुल्य कार्य करता है और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है। यदि मंगल...