प्रेम-विवाह के ज्योतिषीय योग-

                      प्रेम-विवाह के ज्योतिषीय योग- 1. जन्म पत्रिका में मंगल यदि राहू या शनि से युति बना रहा हो तो प्रेम-विवाह की संभावना होती है। 2. जब राहू प्रथम भाव यानी लग्न में हो परंतु सातवें भाव पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ रही हो तो व्यक्ति परिवार के विरुद्ध जाकर...

स्वस्ति वाचन ~ एक मंगलवैदिक गान –

                                  स्वस्ति वाचन ~ एक मंगलवैदिक गान – प्राय: हमसभी स्वस्ति वाचन सुनते है आज आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करते है। आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतोऽदब्धासो अपरीतास उद्भिदः। देवा नोयथा सदमिद् वृधे असन्नप्रायुवो रक्षितारो दिवेदिवे॥ अर्थ...

महादेव और गौ भक्ति

                      महादेव और गौ भक्ति श्री कृष्ण की लीलाओ में गौ माता को प्रधान स्थान रहा है। भगवान् विष्णु जैसे महान् गौ भक्त है उसी प्रकार श्री शंकर भी महान गौ भक्त है। पुराणों में उपलब्ध भगवान् शिव की गौ भक्ति दर्शाने वाले कुछ प्रसंग यहाँ दिए जा रहे है। एक बार...

हस्तरेखा के द्वारा रोगों का ज्ञान-

                                हस्तरेखा के द्वारा रोगों का ज्ञान- हथेली की रेखाओं से यह भी मालूम किया जा सकता है कि भविष्य में किसी व्यक्ति को कौन से रोग हो सकते हैं। यहां जानिए ऐसे ही कुछ योग जो बताते हैं रेखाओं के किन योगों से कौन से रोग हो सकते है- पेट रोग- किसी...

श्रावण मास और शिव पूजनका महत्व

                        श्रावण मास और शिव पूजनका महत्व जिनके हजार नाम और विशेषण हों तो इसी से पता चल जाता है की वही सर्वदाता परमात्मा है। योगियों ने शिवको साधना चतुष्टय के रूप में देखा और उसी आधारपर साधना करते हैं। विद्या,धन, सन्तान,मोक्ष यह साधन चतुष्टय कहा गया है।...