अभिजित् नामक अट्ठाईसवाँ नक्षत्र भी है। यह उत्तराषाढा नक्षत्र का चौथा चरण तथा श्रवण नक्षत्र के आदि का १५वे भाग के मेल से बनता है।

                      अभिजित् नामक अट्ठाईसवाँ नक्षत्र भी है। यह उत्तराषाढा नक्षत्र का चौथा चरण तथा श्रवण नक्षत्र के आदि का १५वे भाग के मेल से बनता है। “वैश्वप्रान्त्यांघ्रिः श्रुतितिथिभागतोsभिजित्स्यात्।।” ।।मु. चि. विवाहप्रकरणम्।। इसका विस्तार...

मृद्भक्षण लीला – नाहं भक्षितवानम्ब!

                          मृद्भक्षण लीला – नाहं भक्षितवानम्ब! श्रीवृन्दावन धाम के भक्त लोग कहते हैं- यहाँ ऐश्वर्याधिष्ठात्री थोड़ी सी दूर रहती हैं। पीछे-पीछे रहती हैं। यहाँ तो माधुर्यसारसर्वस्व की अधिष्ठात्री का ही प्राधान्य होता है। इसलिये कहते हैं कि...

विषय :- बुद्ध दो हुऐ हैं । ब्राह्मणवंशी बुद्ध ( विष्णु अवतार ) और क्षत्रियवंशी बुद्ध ।

                                भगवान बुध्द ब्राह्मण थे- अनन्त श्री विभूषित श्री ऋग्वेदिय पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरीपीठाधिश्वर श्रीमज्जगदगुरु शंकराचार्य भगवान के अमृतवचन :- विषय :- बुद्ध दो हुऐ हैं । ब्राह्मणवंशी बुद्ध ( विष्णु अवतार ) और क्षत्रियवंशी बुद्ध । बुद्ध दो...

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

                          ॐ नमो भगवते वासुदेवाय कृष्णात्परं किमपि तत्वमहं न जाने श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार ज्ञानयोग- निष्काम योग- परमात्मा की अवधारणा। ज्ञान कर्म योग- इसमे साधक अपने शक्ति सामर्थ्य को समझ कर सामने रखकर हानि लाभ का निर्णय लेकर इस कर्म को संपादित करता...

जम्बू द्वीप और भारत ( हिंदुस्तान )

                                    जम्बू द्वीप और भारत ( हिंदुस्तान ) हमारी तमाम धार्मिक कथाओं में जम्बू द्वीप का वर्णन मिलता है। हमारे कथावाचक पुरोहित मंत्र पढ़ते हैं तो जम्बूद्वीपे भारतखंडे का जिक्र करते हैं। आज भारत का जो भूगोल है उसमें स‌मझ पाना मुश्किल होता है...

पंचतंत्र की कथा : अनुकरणीय

                          पंचतंत्र की कथा : अनुकरणीय किसी कुएँ में गंगदत्त नाम को मेढकों का राजा रहता था। वह अपने भागीदारों से अत्यधिक परेशान होकर एक दिन रहट की बाल्टी में चढ़कर कुएँ से बाहर निकल आया। उसने अपने भागीदारों से बदला लेने का विचार करके बिल में प्रवेश करते...

मानव जाति ~ विज्ञान

     Image Credit http://www.arctictern.info/carsten/maps.html मानव जाति ~ विज्ञान मानव जाति ने वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के माध्यम से बहुत कुछ हासिल किया है। उसके जीवन का शायद ही कोई ऐसा पक्ष हो जो आधुनिक विज्ञान और तकनीक से प्रभावित न हो। मनुष्य ने बहुत कुछ...

नारी संस्कृति का आधार है

स्त्री – चरित्र . _____________________________ नारी संस्कृति का आधार है वह पुरुष को पशु से मनुष्य बना देती है। हे नारी तुम ही श्रीराम का स्वभिमान थी ,पांडवों की अभिमान थी। तुम्हारी भारत के ऋषियों को परम पद तक पहुँचाने में महती भूमिका थी । आज वही नारी वाचाल हो...

भारतीयदर्शनकी_गणितीयरूपरेखा_एवं_स्त्रीदर्शनका_स्वरूप

                          #भारतीयदर्शनकी_गणितीयरूपरेखा_एवं_स्त्रीदर्शनका_स्वरूप पूरा पढ़े 1+1=1 एवं 1-1=2 स्त्री को घर के मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है।इसीलिए शास्त्रों में स्त्री की रक्षा के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं। शास्त्रों में लिखा है कि- पिता रक्षति कौमारे...

महर्षि कण्व: एक युगद्रष्टा

                                            महर्षि कण्व: एक युगद्रष्टा- महर्षि कण्व का उपदेश जोकि वर्तमान समय में सभी स्त्रियों को नितान्त आवश्यक हैप्राचीन भारत में ‘कण्व’ नाम के अनेक व्यक्ति हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक प्रसिद्ध महर्षि कण्व थे, जिन्होंने...