अश्वत्थामा – एक समग्र चिन्तन

                                                अश्वत्थामा – एक समग्र चिन्तन महाभारत में अश्वत्थामा की क्रूरता का व्यासजी द्वारा वर्णन -कृपाचार्य और कृतवर्मा ने अश्वत्थामा से पूछा , ‘ तुम रथ किसलिये तैयार कर रहे हो , तुम्हारा क्या करनेका विचार है ? हम भी...

“तुला लग्न और मैं” एक संपूर्ण चिंतन

                  “तुला लग्न और मैं” एक संपूर्ण चिंतन ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ तुला लग्नोदये जातः सुधी: सत्कर्मजीविक:। विद्वान सर्वकलाभिज्ञो धनाढ्यों जनपूजितः।। गुणाधिकत्वाद्द्रविणोप्लब्धि: वाणिज्यकर्मव्याति नैपुणत्वम्। पदमालये तन्नीलये न लोला न लग्न...

वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा का महत्व

                            वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा का क्या महत्व है इसे समझने के लिये हमें थोड़ा गणित ज्योतिष में भी जाना चाहिए। फलित ज्योतिष में रुचि रखने वालों को गणित ज्योतिष की आधारभूत बातों की समझ भी होनी चाहिए। हमारा वार्षिक पञ्चाङ्ग चन्द्रमा की गति पर ही...

सौर परिवार ~ विज्ञान की एक अबूझ पहेली-

                                सौर परिवार ~ विज्ञान की एक अबूझ पहेली- ज्योतिष विज्ञान में सूर्य का विशेष महत्व है। सनातन धर्म सूर्य को प्रत्यक्ष देवता मानता है तो ज्योतिष ने भी सूर्य ग्रह को पिता माना है। पिता इसलिये क्योंकि वह सभी ग्रहों के जनक हैं। जैसा कि विज्ञान...

मकान की नींव में सर्प और कलश क्यों गाड़ा जाता है?

                                                  मकान की नींव में सर्प और कलश क्यों गाड़ा जाता है? श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंध में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन...

सव्यसाची अर्जुन : एक प्रसंग

                          तस्मात्त्वमुत्तिष्ठ यशो लभस्व जित्वा शत्रून् भुङ्क्ष्व राज्यं समृद्धम्। मयैवैते निहताः पूर्वमेव निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्।।गी. 11.33।। प्रथम अर्थ – इसलिये तुम युद्धके लिये खड़े हो जाओ और यशको प्राप्त करो तथा शत्रुओंको जीतकर धनधान्यसे...

भारतीय दर्शन में विवाह : एक जीवन दर्शन

                            हमारे देश में शादी और पत्नी ये ऐसे विषय है जिनपर ढेरो साहित्य की रचना हो चुकी है।कमोबेश हर जगह पत्नी को केंद्र में रखकर शादी के बाद एक पुरुष के जीवन में सृजित हुई नकारात्मकता का इतना जोरदार चित्रण होता है कि किसी और को क्या कहे खुद ये...

रुद्राभिषेक से क्या क्या लाभ मिलता है ?

                                    रुद्राभिषेक से क्या क्या लाभ मिलता है ? शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है अर्थात आप जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु रुद्राभिषेक करा रहे है उसके लिए किस द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए का उल्लेख शिव पुराण...

वैदिक साहित्य में धर्म की महिमा

                        वैदिक साहित्य में धर्म की बहुत महिमा बताई गई है।मनु महाराज ने लिखा है― नामुत्र हि सहायार्थं पितामाता च तिष्ठतः । न पुत्रदारं न ज्ञातिर्धर्मस्तिष्ठति केवलः ।। ―(मनु० ४/२३९) परलोक में माता, पिता, पुत्र, पत्नि और गोती (एक ही वंश का) मनुष्य की कोई...

बुध ग्रह

                    बुध ग्रह बुध ग्रह वाणी, व्यापार व स्वास्थ्य का कारक माना गया है | यह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है| बुध वाक् कला का भी द्योतक है | विद्या और बुद्धि का सूचक है | बुध के अशुभ होने का कारण अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआ को कष्ट देने, साली...