शास्त्र का पालन क्यों करना चाहिए?

                                शास्त्र का पालन क्यों करना चाहिए? यह एक ऐसा प्रश्न है जो प्रत्येक काल में हर किसी के मन-मस्तिष्क में बारम्बार उठता ही रहता है। सभ्यताओं के इस संक्रमण काल में चिंतन विकृत होता जा रहा है, स्वयं सनातन धर्मावलम्बी ही इससे हटकर इस पर...

उर्वशी: – एक प्रेम प्रसंग

                  उर्वशी: – एक प्रेम प्रसंग पुरु राजा की जिज्ञासा………………. उर्वशी थक जाती है इंद्र के सामने नाचते—नाचते और प्रार्थना करती है कि कुछ दिन की छुट्टी मिल जाए, मैं पृथ्वी पर जाना चाहती हूं। मैं किसी मिट्टी के बेटे से...

‘परशु’ प्रतीक है पराक्रम का। ‘राम’ पर्याय है सत्य सनातन का।

                        ‘परशु’ प्रतीक है पराक्रम का। ‘राम’ पर्याय है सत्य सनातन का। इस प्रकार परशुराम का अर्थ हुआ पराक्रम के कारक और सत्य के धारक। शास्त्रोक्त मान्यता तो यह है कि परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, अतः उनमें आपादमस्तक विष्णु...

जीवन मे भय की आवश्यकता

                                                        ।।जीवन मे भय की आवश्यकता।। मानव जीवन मे पाँच प्रकार का भय जरूरी होता है। जिसके कारण मनुष्य अधर्म से बचता है और धर्म को सुरक्षित रखने मे समर्थ होता है। 1 –ईश्वर का भय 2–शास्त्र का भय 3–कुल...

भावुकता और स्त्री

                          भावुकता और स्त्री ******************************* स्त्री का सौंदर्य उसके भाव के कारण ही चमकता है और भावुकता से ही सौंदर्य दूध बन कर बहनें लगता है। यदि न हो तो बच्चे के‌ लिए दूध उतरे ही नहीं। भावुकता इसलिए उसमें ज्यादा होती है वह जनन करना...

कानपुर  का  प्रसिद्ध मंदिर  जगन्नाथ मंदिर के चित्र

                              कानपुर  का  प्रसिद्ध मंदिर  जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple Kanpur) । यह मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के के भीतरगांव विकासखंड से ठीक तीन किलोमीटर की दूरी पर बेहटा गांव में स्थित है। लोगों का कहना है कि प्राचीन मंदिर की छत से...