by Dr Ashwini Pandey | Apr 6, 2021 | Quotes, दर्शन, सनातन धर्म
by Dr Ashwini Pandey | Apr 4, 2021 | इतिहास, दर्शन, सनातन धर्म, साहित्य रचना
जड़भरत- जिनके नाम पर पड़ा देश का नाम ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ भरत ऋषि स्वायंभुव मनु वंशी ऋषभदेव के पुत्र थे। इनके नाम से ही आर्यावर्त का नाम भारत नाम पड़ा। इन्होंने शासन करने के बाद राजपाट पुत्रों को सौंपकर वानप्रस्थ आश्रम ग्रहण किया...
by Dr Ashwini Pandey | Apr 2, 2021 | दर्शन, वेद, सनातन धर्म
हम सब के मन मे पहले विचार होता है– कौन सी वस्तु त्याज्य है कौन सा ग्राह्म है। कौन अनित्य है कौन नित्य है -हमें विवेक द्वारा जब भलीभांति निश्चय हो जाता है कि एकमात्र परमात्मा एक ग्राह्म है, आत्यन्तिक सुखस्वरूप है, वही नित्य हैं, सत् है,...
by Dr Ashwini Pandey | Mar 28, 2021 | दर्शन, वेद, सनातन धर्म
राष्ट्र की पवित्रता पुरातन काल में मैंने अपने पूज्यपाद गुरुदेव को पूछा था तो आज राम के काल की मेरे पूज्यपाद चर्चा कर रहे थे। जब मुझे मेरे पूज्यपाद गुरुदेव राम के काल में देखो, गृहों में प्रवेश होते या राष्ट्र में प्रवेश होते, तो भगवान राम के...
by Dr Ashwini Pandey | Mar 26, 2021 | Miscellaneous, दर्शन, साहित्य रचना
पुरानी कहावत है “Rome was not built in a day”, पर अब नयी आ गयी है . ‘But it collapsed in a week”, … तो भैया कर ली तरक्की , जीत लिए देश ? कर ली आद्योगिक क्रांति ? कमा लिए पेट्रो डॉलर ?बना लिए मॉल्टी नेशनल कारपोरेशन ?कर लिया जिहाद ?बन...
by Dr Ashwini Pandey | Mar 26, 2021 | दर्शन, सनातन धर्म
कंचन, कामिनी और कीर्ति मनुष्य मात्र का अतिप्रिय स्वप्न, अपना होंश संभालते ही उसे कंचन आकर्षित करने लगती है । कंचन – अर्थात् धन-सम्पति। धन के लिये उसके अथक प्रयास उसे इस स्वप्न में और गहरा उतारते हैं । उसे...
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