मैं नर्मदा हूं

  मैं नर्मदा हूं मैं नर्मदा हूं। जब गंगा नहीं थी , तब भी मैं थी। जब हिमालय नहीं था , तभी भी मै थी। मेरे किनारों पर नागर सभ्यता का विकास नहीं हुआ। मेरे दोनों किनारों पर तो दंडकारण्य के घने जंगलों की भरमार थी। मैं अनेक वर्षों तक आर्यावर्त की सीमा रेखा बनी रही। उन...

पिकासो

                  #पिकासो (Picasso) स्पेन में जन्मे एक अति प्रसिद्ध चित्रकार थे। उनकी पेंटिंग्स दुनिया भर में करोड़ों और अरबों रुपयों में बिका करती थीं…!! एक दिन रास्ते से गुजरते समय एक महिला की नजर पिकासो पर पड़ी और संयोग से उस महिला ने उन्हें पहचान लिया। वह...

धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज के परमभक्त पूर्वाम्नाय-गोवर्धनमठ-पुरीपीठ के पूर्वाचार्य/144वें जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन श्री स्वामीनिरंजनदेव तीर्थजी महाराज

                        धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज के परमभक्त पूर्वाम्नाय-गोवर्धनमठ-पुरीपीठ के पूर्वाचार्य/144वें जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन श्री स्वामीनिरंजनदेव तीर्थजी महाराज अपने पूर्वाश्रम में श्रीमहाराजजी डॉ. चन्द्रशेखर दवे (द्विवेदी) के नाम से...

सोलह कला

                        “सोलह कला”:- श्रीराम बारह और भगवान कृष्ण सोलह कलाओं के स्वामी माने गए हैं … भगवान श्रीकृष्ण के बारे में कहा जाता था कि वह संपूर्णावतार थे और मनुष्य में निहित सभी सोलह कलाओं के स्वामी थे। यहां पर कला शब्द का प्रयोग किसी ‘आर्ट’...

शिव-शक्ति

                            शिव-शक्ति ” अलिंग-लिंग तत्त्व निरूपण ” निर्गुण ब्रह्म शिव जो ” अलिङ्ग ” है , लिङ्ग रूप प्रकृति का मूल कारण है , साथ ही स्वयं लिङ्ग रूप ( प्रकृति रूप )भी वही है । लिङ्ग रूप प्रकृति भी शिवोद्भासित है। शब्द, स्पर्श,...

वज्रसुचिकोपनिषद

                      वज्रसुचिकोपनिषद ( वज्रसूचि उपनिषद् ) यह उपनिषद सामवेद से सम्बद्ध है ! इसमें कुल ९ मंत्र हैं ! सर्वप्रथम चारों वर्णों में से ब्राह्मण की प्रधानता का उल्लेख किया गया है तथा ब्राह्मण कौन है, इसके लिए कई प्रश्न किये गए हैं ! क्या ब्राह्मण जीव है...