by Dr Ashwini Pandey | Feb 12, 2021 | दर्शन
मंथन “… मौन हमारी साधना का एक महत्वपूर्ण अंग है । केवल न बोलना ही मौन है ऐसा नहीं वरन् अन्तर मन की उथल-पुथल , भाव और आवेश के हिलोरे भी शांत करने का प्रयत्न करना मौन है। ईश्वर की वाणी सुनने के लिये साधन में मौन की आवश्यकता है। वर्ना...
by Dr Ashwini Pandey | Feb 10, 2021 | दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
नारायण शब्द में दो पद हैं – नार पूर्वपद है और अयन उत्तरपद | ‘नार’ पद के विविध दृष्टियों से विविध अर्थ हैं , जो आगे प्रस्तुत किये जायेंगे | प्रथम अयन शब्द पर विचार करते हैं | ‘अयन’ पद इण गतौ (अदादिगणीय ३५४ ) अथवा अय गतौ (भ्वादिगणीय ४७० ) धातु से भाव या...
by Dr Ashwini Pandey | Feb 8, 2021 | काशी, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
क्या होता है ‘वैष्णव’ व ‘स्मार्त’ में भेद **************************** कई लोग पर्व अलग-अलग दिन मनाते हैं। उनकी बात सुनकर लोग अचरज में पड़ जाते हैं। कुछ लोग स्मार्त व वैष्णव सम्प्रदाय के बारे में भी जानने की उत्सुकता व्यक्त करते...
by Dr Ashwini Pandey | Feb 2, 2021 | इतिहास, दर्शन, सनातन धर्म, संस्कृत रचनायें, साहित्य रचना
भारतीय संस्कृति के विकास एवं संरक्षण में आद्य शंकराचार्य का विशेष योगदान रहा है। आचार्य शंकर का जन्म पश्चिम के इतिहासकार समुदाय के द्वारा वैशाख शुक्ल पंचमी तिथि ई. सन् ७८८ को तथा मोक्ष ई. सन् ८२० स्वीकार किया जाता है, परंतु...
by Dr Ashwini Pandey | Feb 2, 2021 | इतिहास, दर्शन, सनातन धर्म, संस्कृत रचनायें, साहित्य रचना
#कुमारसम्भव सत्रह सर्गों का महाकाव्य है।* मान्यता है कि कालिदास ने आठ सर्गों तक ही इस महाकाव्य की रचना की थी किन्तु विचारणीय विन्दु यह है कि 8सर्ग के बाद के भी श्लोक कालिदास की परिकल्पना के अनुरूप (भाषा एवं अलंकार )ही रचे गये हैं |अतः हम...
by Dr Ashwini Pandey | Feb 2, 2021 | इतिहास, दर्शन, सनातन धर्म, संस्कृत रचनायें, साहित्य रचना
कन्या कुमारी की कथा 🔸🔸🔹🔹🔸🔸 इस जगह का नाम कन्याकुमारी पड़ने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने असुर बाणासुर को वरदान दिया था कि कुंवारी कन्या के अलावा किसी के हाथों उसका वध नहीं होगा। प्राचीन काल में भारत पर...
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