काशी-काशी शिव: शिव:

              काशी-काशी   शिव:  शिव:  === “काशी-रहस्य” में भगवान् शिव माता पार्वती से कहते हैं~ “योगोऽत्र निद्रा कृतभ: प्रचार: स्वेच्छाशनं देवि महानिवेद्यम् । लीलात्मनो  देवि  पवित्र  दानम् , जप:  प्रजल्पं  शयनं  प्रणाम: ।।” अर्थात् =   हे देवी...

शिवपुराण और महाभारतके आधार पर वर्णों में वर्ण की विस्तार से चर्चा

                    कुछ दिन पूर्व हमने शिवपुराण और महाभारतके आधार पर वर्णों में वर्ण की विस्तार से चर्चा किया था। उदाहरण के लिये सात्विक शूद्र को कर्मणा ब्राह्मण नहीं कह सकते , उसे ब्राह्मणकोटि का अर्थात् उच्च श्रेणीका शूद्र कहेंगे। इसी प्रकार तामस ब्राह्मण को शूद्र...

सुंदरकांड के इस प्रसंग को अवश्य पढ़ें!

📙सुंदरकांड के इस प्रसंग को अवश्य पढ़ें!⛳ “किसी का अहित करने के साथ ही खुद के अहित की शुरुआत हो जाती है “अशोक वाटिका” में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा, कि इसकी तलवार छीन कर, इसका सर...

स्थूल जगत सूक्ष्म जगत:-एक दर्शन

स्थूल जगत सूक्ष्म जगत:-एक दर्शन स्थूल जगत जिसको हम देख सकते है पृथ्वीलोक पर रहने वाले प्राणी जिसको हम देख सकते है स्थूल जगत में आते है। सूक्ष्म जगत जो हमे दिखाई नही देता, जो अन्य लोक है स्वर्गलोक, नाग लोक, यक्ष लोक आदि। इंसान सूक्ष्म जगत को अंधविस्वास या कोरी कल्पना...

राम राज्य

राम राज्य की संकल्पना स्वयं में समावेशन ,समरसता, समता, स्वतन्त्रता,मर्यादा, उन्नति आदि को समेटे हुए है। वंचित एवं दिव्यांग जनों के प्रति ईर्ष्या,द्वेष, प्रत्येक प्रकार का विभेद, उपेक्षा, उत्पीड़न करने वालों का कृत्य निश्चित रूप से “रावण” तुल्य कृत्य है जो...

दशहरे पर शमी के वृक्ष पूजन का महत्व

हिन्दू परंपरा में इस वृक्ष का खास महत्व है। दशहरे पर शमी के वृक्ष का पूजन किया जाता है और इसकी पत्तियां एक दूसरे को बांटी जाती है। आखिर शमी पूजन का क्यों है इतना महत्व आओ जानते हैं 6 खास बातें। इस वृक्ष के पूजन से शनि प्रकोप शांत हो जाता है क्योंकि यह वृक्ष शनिदेव का...