by Dr Ashwini Pandey | Oct 11, 2020 | Astrology, Astronomy, Miscellaneous, ज्योतिष, दर्शन
शरद पूर्णिमा विशेष 🌼🌼👇🌼🌼👇🌼🌼 अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। इस व्रत में रात्रि के प्रथम प्रहर अथवा सम्पूर्ण निशीथ व्यापनी पूर्णिमा ग्रहण करना चाहिए जो पूर्णिमा रात के समय रहे...
by Dr Ashwini Pandey | Oct 10, 2020 | दर्शन, साहित्य रचना
हिरण्याक्ष -अक्ष शब्द का अर्थ है आँख और हिरण्य शब्द का अर्थ है सोना तथा स्वर्ण को हिरण्य कहते हैं ।और हिरण्याक्ष राक्षस को कहते हैं।जिसके आँखों में पैसा है वही राक्षस है।हिरण्याक्ष लोभ का स्वरूप है।और भक्ति में आँख मुख्य है।यदि आँखों में भगवान को रख लें तो आँखों में...
by Dr Ashwini Pandey | Oct 10, 2020 | Astrology, Astronomy, Miscellaneous, ज्योतिष, दर्शन
जय तुलसीराम मृत्यु के चौदह प्रकार राम और रावण का युद्ध चल रहा था, तब अंगद रावण को बोले- तू तो मरा हुआ है, तुझे मारने से क्या फायदा? रावण बोला– मैं जीवित हूँ, मरा हुआ कैसे? अंगद बोले सिर्फ साँस लेने वालों को जीवित नहीं कहते- साँस तो लुहार का भाता भी लेता है. तब अंगद ने...
by Dr Ashwini Pandey | Oct 10, 2020 | Astrology, Astronomy, Miscellaneous, Quotes, ज्योतिष, दर्शन
आशा धृतिं हन्ति समृद्धिमन्तकः क्रोधः श्रियं हन्ति यशः कदर्यता | अपालनं हन्ति पशूंश्च राजन्न एकः क्रुद्धो ब्राह्मणो हन्ति राष्ट्रं || -महासुभषितसंग्रह (5427) भावार्थ – हे राजन ! (अत्यधिक) आशावादी होने से मनुष्य का आत्मविश्वास, पराक्रम तथा समृद्धि नष्ट...
by Dr Ashwini Pandey | Oct 10, 2020 | Miscellaneous, Quotes, दर्शन
अपराध और पाप एक दूसरे से भिन्न होते हैं। अपराध दंडनीय होता है, पाप निंदनीय होता है। एक के लिए प्रताड़ना कारगर होती है तो दूसरे के लिए प्रायश्चित लाभकारी होता है। अपराध प्रत्यक्ष होता है तो पाप प्रच्छन्न ( छिपा हुआ ) होता है। एक परिस्थितियों की औलाद है तो दूसरा विकृति...
by Dr Ashwini Pandey | Oct 10, 2020 | Astrology, Astronomy, Miscellaneous, ज्योतिष, दर्शन
आंखों से जानिये व्यक्तित्व सामुद्रिक शास्त्र, भारतीय ज्योतिष का एक प्रमुख अंग है। इसके आधार पर विभिन्न अंगों की सरंचना को देख कर व्यक्ति के बारे में बताया जा सकता हैं। आंखें हमारे हृदय का आईना होती है आंखों की जुबान नहीं होती, फिर भी वे बहुत कुछ कह जाती हैं।...
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