दशमहाविद्या

दशमहाविद्या।..  अर्थात  महान  विद्या रूपी देवी। महाविद्या, देवी दुर्गा के दस रूप हैं, जो अधिकांश तान्त्रिक साधकों द्वारा पूजे जाते हैं, परन्तु साधारण भक्तों को भी अचूक सिद्धि प्रदान करने वाली है। इन्हें दस महाविद्या के नाम से भी जाना जाता है।… बस इसके लिए कठिन...

कब होगा आपका विवाह, कैसा रहेगा वैवाहिक जीवन?

कब होगा आपका विवाह, कैसा रहेगा वैवाहिक जीवन?  आपकी हथेली खोलेगी सारे राज हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली में कई ऐसी रेखाएं होती है जो आपके पूरे जीवन का हाल बता देती हैं। ऐसी ही एक रेखा होती है विवाह रेखा। यह रेखा न केवल आपके वैवाहिक जीवन के बारे में बताती है बल्कि...

कुंडली में द्वादश (12)भाव विश्लेषण :-

कुंडली में द्वादश (12)भाव विश्लेषण :- कुंडली के बारहवें घर को ज्योतिष में व्यय स्थान अथवा व्यय भाव कहा जाता है तथा कुंडली का यह घर मुख्य रुप से कुंडली धारक के द्वारा अपने जीवन काल में खर्च किए जाने वाले धन के बारे में बताता है तथा साथ ही साथ कुंडली का यह घर यह संकेत...

जन्मकुंडली में शनि मंगल सम्बन्ध

जन्मकुंडली में शनि मंगल सम्बन्ध  शनि और मंगल इन दोनों का आपसी संबंधी अच्छा नही होता।शनि एक पाप ग्रह है तो मंगल क्रूर ग्रह है जब यह दोनों आपस में युति दृष्टि आदि तरह से सम्बन्ध बनाते है तो इनकी क्रूरता और इनसे सम्बंधित क्रूर फलो में वृद्धि हो जाती है। शनि मंगल के बीच...

शिवलिङ्ग, ज्योतिष और विज्ञान

शिवलिङ्ग, ज्योतिष और विज्ञान विश्वकर्मा ने शिवलिङ्ग के निर्माण का विधान बताया है. क्योंकि लिंग रूप में अवतार के पूर्व भगवान् रुद्र ने विश्वकर्मा को ही इसके निर्माण का कार्य दिया था. तथा उनकी आज्ञा के अनुसार विविध विशेषता युक्त शिवलिंग का निर्माण विश्वकर्मा ने किया और...

राम-सेतु

राम-सेतु एक बात जिस पर विचार होना चाहिए कि सेतु बाँधने के पहले समुद्र को सुखाने के लिए प्रभु राम ने जो अग्नि बाण का संधान किया था वह कहा गिरा *सन्घानेउ प्रभु बिसिख कराला -उठी उदधि उर अंतर ज्वाला – मकर उरग झश गन अकुलाने -जरत जंतु जलनिधि जब जाने- और बाण चढाते ही...