आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः

अनुभवातीत: कहते है बंधन सबसे बड़ा दुःख और आज़ादी सबसे बड़ा सुख है। आदमी दूसरों से कभी-कभी घिर जाता है। पर अपने लोगों से ज्यादा घिरा रहता है। पर सबसे बड़ी परेशानी तब होती है, जब आदमी अपनेआप के,अपनी कमजोरी के,अपने आलस्य के गहरे बंधन में फंस जाता है।पूर्वजों ने कहा है कि...

ज्योतिष : क्या और क्यो?

                            ज्योतिष : क्या और क्यो? आकाश की तरफ नजर डालते ही दिमाग में सवाल पैदा होता है कि ग्रह-नक्षत्र क्या होते हैं? इनमें से कुछ दिन में और कुछ रात में क्यों छुप जाते हैं? सारे ग्रह एक साथ डूब क्यों नहीं जाते? सूरज, प्रतिदिन पूर्व दिशा से...

वैदिक क्रिया ऋक

ऋक ऋक+ क्विप =ऋक । वैदिक क्रिया ऋक का अर्थ है ‘ महिमामंडन करना ’ (गीत से या सामान्य भाषा में) ‘‘ऋक’’ का संस्कृत में अर्थ है ‘स्तवन’ करना। प्राचीन समय में साधु लोग प्रकृति के विभिन्न रूपों को किसी न किसी देवता का खेल मानते थे अतः उन्होंने उनके लिए स्तवन या भजन करना...