by Dr Ashwini Pandey | Jul 2, 2021 | इतिहास, दर्शन, वेद, सनातन धर्म
तस्मात्त्वमुत्तिष्ठ यशो लभस्व जित्वा शत्रून् भुङ्क्ष्व राज्यं समृद्धम्। मयैवैते निहताः पूर्वमेव निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्।।गी. 11.33।। प्रथम अर्थ – इसलिये तुम युद्धके लिये खड़े हो जाओ और यशको प्राप्त करो तथा शत्रुओंको जीतकर धनधान्यसे...
by Dr Ashwini Pandey | Jul 1, 2021 | Miscellaneous, दर्शन
हमारे देश में शादी और पत्नी ये ऐसे विषय है जिनपर ढेरो साहित्य की रचना हो चुकी है।कमोबेश हर जगह पत्नी को केंद्र में रखकर शादी के बाद एक पुरुष के जीवन में सृजित हुई नकारात्मकता का इतना जोरदार चित्रण होता है कि किसी और को क्या कहे खुद ये...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 30, 2021 | उपाय, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
रुद्राभिषेक से क्या क्या लाभ मिलता है ? शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है अर्थात आप जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु रुद्राभिषेक करा रहे है उसके लिए किस द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए का उल्लेख शिव पुराण...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 29, 2021 | दर्शन, वेद, सनातन धर्म
वैदिक साहित्य में धर्म की बहुत महिमा बताई गई है।मनु महाराज ने लिखा है― नामुत्र हि सहायार्थं पितामाता च तिष्ठतः । न पुत्रदारं न ज्ञातिर्धर्मस्तिष्ठति केवलः ।। ―(मनु० ४/२३९) परलोक में माता, पिता, पुत्र, पत्नि और गोती (एक ही वंश का) मनुष्य की कोई...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 26, 2021 | Miscellaneous, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
धात्री धराधरसुते न जगद् बिभर्ति आधारशक्तिरखिलं तव वै बिभर्ति । सूर्योऽपि भाति वरदे प्रभया युतस्ते त्वं सर्वमेतदखिलं विरजा विभासि ।। विद्या त्वमेव ननु बुद्धिमतां नराणां शक्तिस्त्वमेव किल शक्तिमतां सदैव। त्वं...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 25, 2021 | इतिहास, दर्शन, वेद, सनातन धर्म
देहेऽस्थिमांसरुधिरेऽभिमतिं त्यज त्वं जाया सुतादिषु सदा ममतां विमुञ्च। पश्यानिशं जगदिदं क्षणभंगनिष्ठं, वैराग्य राग रसिको भव भक्ति निष्ठः।।७९।। धर्मं भजस्व सततं त्यज लोकधर्मान्, सेवस्व साधु पुरुषां जहि कामतृष्णाम्। अन्यस्यदोषगुण चिन्तनमाशु मुक्त्वा, सेवा...
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