धात्री धराधरसुते न जगद् बिभर्ति आधारशक्तिरखिलं तव वै बिभर्ति ।

                                            धात्री धराधरसुते न जगद् बिभर्ति आधारशक्तिरखिलं तव वै बिभर्ति । सूर्योऽपि भाति वरदे प्रभया युतस्ते त्वं सर्वमेतदखिलं विरजा विभासि ।। विद्या त्वमेव ननु बुद्धिमतां नराणां शक्तिस्त्वमेव किल शक्तिमतां सदैव। त्वं...

आर्य, आर्यावर्त, हिन्दू और सनातन का रहस्य जानिए.

                          आर्य, आर्यावर्त, हिन्दू और सनातन का रहस्य जानिए… आर्यों को कुछ विद्वान विदेशी मानते हैं और कुछ देशी। जो विदेशी मानते हैं उनमें अंग्रेज और वामपंथी इतिहाकारों के अलावा इनका अनुसरण करने वाले भी शामिल हैं और जो लोग देशी मानते हैं उनमें भी...

स्नान पूर्णिमा

                                          स्नान पूर्णिमा ज्येष्ठ मास में गर्मी का आरम्भ होता है, अतः पुरी में श्रीजगन्नाथ जी के चतुर्धा विग्रह को स्नान कराया जाता है। १०८ घड़ों से स्नान के बाद उनको ज्वर हो जाता है, तथा १५ दिन बीमार रहने पर उनकी चिकित्सा होती है। उसके...

काशी में हुऐ कुछ ऐतिहासिक शास्त्रार्थ :~

                              काशी में हुऐ कुछ ऐतिहासिक शास्त्रार्थ :~ “वादे-वादे जायते तत्वबोधः” प्राचीनकाल से ही काशी में प्रतिदिन शास्त्रसभा का आयोजन होता था।सभा में विराजमान शास्त्रमहारथी पहले शास्त्रार्थ करते थे तत्पश्चात् दक्षिणा ग्रहण करते...

जम्बू द्वीप और भारत ( हिंदुस्तान )

                                              जम्बू द्वीप और भारत ( हिंदुस्तान ) हमारी तमाम धार्मिक कथाओं में जम्बू द्वीप का वर्णन मिलता है। हमारे कथावाचक पुरोहित मंत्र पढ़ते हैं तो जम्बूद्वीपे भारतखंडे का जिक्र करते हैं। आज भारत का जो भूगोल है उसमें स‌मझ पाना मुश्किल...

निर्जला एकादशी: एक वैज्ञानिक और पैराणिक दृष्टि

                                        निर्जला एकादशी: एक वैज्ञानिक और पैराणिक दृष्टि एकादशी व्रत हिन्दुओ में सबसे अधिक प्रचलित व्रत माना जाता है। वर्ष में चौबीस एकादशियाँ आती हैं, किन्तु इन सब एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी सबसे बढ़कर फल देने वाली समझी जाती है...