by Dr Ashwini Pandey | Feb 12, 2021 | Miscellaneous, इतिहास, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
वज्रसुचिकोपनिषद ( वज्रसूचि उपनिषद् ) यह उपनिषद सामवेद से सम्बद्ध है ! इसमें कुल ९ मंत्र हैं ! सर्वप्रथम चारों वर्णों में से ब्राह्मण की प्रधानता का उल्लेख किया गया है तथा ब्राह्मण कौन है, इसके लिए कई प्रश्न किये गए हैं ! क्या ब्राह्मण जीव है...
by Dr Ashwini Pandey | Feb 10, 2021 | दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
नारायण शब्द में दो पद हैं – नार पूर्वपद है और अयन उत्तरपद | ‘नार’ पद के विविध दृष्टियों से विविध अर्थ हैं , जो आगे प्रस्तुत किये जायेंगे | प्रथम अयन शब्द पर विचार करते हैं | ‘अयन’ पद इण गतौ (अदादिगणीय ३५४ ) अथवा अय गतौ (भ्वादिगणीय ४७० ) धातु से भाव या...
by Dr Ashwini Pandey | Feb 8, 2021 | काशी, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
क्या होता है ‘वैष्णव’ व ‘स्मार्त’ में भेद **************************** कई लोग पर्व अलग-अलग दिन मनाते हैं। उनकी बात सुनकर लोग अचरज में पड़ जाते हैं। कुछ लोग स्मार्त व वैष्णव सम्प्रदाय के बारे में भी जानने की उत्सुकता व्यक्त करते...
by Dr Ashwini Pandey | Dec 30, 2020 | भारत के यादगार सौ विद्वान, सनातन धर्म, संस्कृत, संस्कृत इतिहास, संस्कृत के प्रमुख विद्वान्
अरुण उपाध्याय जी की कलम से – कालिदास त्रयी-३ मुख्य कालिदास थे तथा अन्य ३ का उपनाम कालिदास था। तीन कालिदासों का उल्लेख राजशेखर की काव्य मीमांसा में किया है, जल्हण की सूक्ति मुक्तावली तथा हरि कवि की सुभाषितावली मे भी- एकोऽपि जीयते...
by Dr Ashwini Pandey | Dec 23, 2020 | Astrology, Astronomy, Miscellaneous, Quotes, Vastushastra, आत्म परिचय, इतिहास, उपाय, काशी, चलचित्र, ज्योतिष, डॉ. अश्विनी पाण्डेय की कलम से, दर्शन, प्रकाशित पुस्तकें, फोटो गैलेरी, भारत के यादगार सौ विद्वान, वास्तुशास्त्र, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत, संस्कृत भाषा, संस्कृत रचनायें, साहित्य रचना
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की महादशा के अनुसार फल जन्म कुंडली से हम यह जानकारी करते है की कोनसे ग्रह की महादशा समस्या पैदा कर रही तो उस ग्रह का उपाय करना चाहिए, अनुकूल और प्रतिकूल दोनों ग्रहों की महादशा का उपाय करना चाहिए, ग्रह हमारे अनुकूल है या...
by Dr Ashwini Pandey | Oct 29, 2020 | वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
विद्या विभाग-विद्या के मुख्य २ विभाग हैं-परा विद्या या विद्या, अपरा विद्या या अविद्या। अविद्या का अन्य अर्थ है, विद्या का अभाव। इसी को ज्ञान और विज्ञान भी कहते हैं। विद्या या ज्ञान का अर्थ है एकत्व या समन्वय। सबके लिए भाषा या शब्दों के एक अर्थ हों, या विज्ञान के नियम...
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