सोलह कलाओं का रहस्य

                                      सोलह कलाओं का रहस्य- राम बारह कलाओं के ज्ञाता थे तो भगवान श्रीकृष्ण सभी सौलह कलाओं के ज्ञाता हैं। चंद्रमा की सोलह कलाएं होती हैं। सोलह श्रृंगार के बारे में भी आपने सुना होगा। आखिर ये 16 कलाएं क्या है? उपनिषदों अनुसार 16 कलाओं से...

अश्वत्थामा – एक समग्र चिन्तन

                                                अश्वत्थामा – एक समग्र चिन्तन महाभारत में अश्वत्थामा की क्रूरता का व्यासजी द्वारा वर्णन -कृपाचार्य और कृतवर्मा ने अश्वत्थामा से पूछा , ‘ तुम रथ किसलिये तैयार कर रहे हो , तुम्हारा क्या करनेका विचार है ? हम भी...

मकान की नींव में सर्प और कलश क्यों गाड़ा जाता है?

                                                  मकान की नींव में सर्प और कलश क्यों गाड़ा जाता है? श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंध में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन...

सव्यसाची अर्जुन : एक प्रसंग

                          तस्मात्त्वमुत्तिष्ठ यशो लभस्व जित्वा शत्रून् भुङ्क्ष्व राज्यं समृद्धम्। मयैवैते निहताः पूर्वमेव निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्।।गी. 11.33।। प्रथम अर्थ – इसलिये तुम युद्धके लिये खड़े हो जाओ और यशको प्राप्त करो तथा शत्रुओंको जीतकर धनधान्यसे...

रुद्राभिषेक से क्या क्या लाभ मिलता है ?

                                    रुद्राभिषेक से क्या क्या लाभ मिलता है ? शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है अर्थात आप जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु रुद्राभिषेक करा रहे है उसके लिए किस द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए का उल्लेख शिव पुराण...

वैदिक साहित्य में धर्म की महिमा

                        वैदिक साहित्य में धर्म की बहुत महिमा बताई गई है।मनु महाराज ने लिखा है― नामुत्र हि सहायार्थं पितामाता च तिष्ठतः । न पुत्रदारं न ज्ञातिर्धर्मस्तिष्ठति केवलः ।। ―(मनु० ४/२३९) परलोक में माता, पिता, पुत्र, पत्नि और गोती (एक ही वंश का) मनुष्य की कोई...