by Dr Ashwini Pandey | Jun 26, 2021 | Miscellaneous, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
धात्री धराधरसुते न जगद् बिभर्ति आधारशक्तिरखिलं तव वै बिभर्ति । सूर्योऽपि भाति वरदे प्रभया युतस्ते त्वं सर्वमेतदखिलं विरजा विभासि ।। विद्या त्वमेव ननु बुद्धिमतां नराणां शक्तिस्त्वमेव किल शक्तिमतां सदैव। त्वं...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 25, 2021 | इतिहास, दर्शन, वेद, सनातन धर्म
देहेऽस्थिमांसरुधिरेऽभिमतिं त्यज त्वं जाया सुतादिषु सदा ममतां विमुञ्च। पश्यानिशं जगदिदं क्षणभंगनिष्ठं, वैराग्य राग रसिको भव भक्ति निष्ठः।।७९।। धर्मं भजस्व सततं त्यज लोकधर्मान्, सेवस्व साधु पुरुषां जहि कामतृष्णाम्। अन्यस्यदोषगुण चिन्तनमाशु मुक्त्वा, सेवा...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 25, 2021 | Miscellaneous, दर्शन, वेद, सनातन धर्म
“ अग्नीषोमात्मकं जगत “ के अनुसार संसार अग्नि और सोम रूप है ! अग्नि ही सूर्य रूप में व्याप्त होता है और सोम चन्द्रमा के रूप में ! स्रष्टि में दोनों की अनिवार्य आवश्यकता है ! आध्यात्मिक भाषा में शिव – शक्ति...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 25, 2021 | Miscellaneous, इतिहास, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
आर्य, आर्यावर्त, हिन्दू और सनातन का रहस्य जानिए… आर्यों को कुछ विद्वान विदेशी मानते हैं और कुछ देशी। जो विदेशी मानते हैं उनमें अंग्रेज और वामपंथी इतिहाकारों के अलावा इनका अनुसरण करने वाले भी शामिल हैं और जो लोग देशी मानते हैं उनमें भी...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 24, 2021 | Astrology, Astronomy, Miscellaneous, इतिहास, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
स्नान पूर्णिमा ज्येष्ठ मास में गर्मी का आरम्भ होता है, अतः पुरी में श्रीजगन्नाथ जी के चतुर्धा विग्रह को स्नान कराया जाता है। १०८ घड़ों से स्नान के बाद उनको ज्वर हो जाता है, तथा १५ दिन बीमार रहने पर उनकी चिकित्सा होती है। उसके...
by Dr Ashwini Pandey | Jun 24, 2021 | Miscellaneous, इतिहास, काशी, दर्शन, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
काशी में हुऐ कुछ ऐतिहासिक शास्त्रार्थ :~ “वादे-वादे जायते तत्वबोधः” प्राचीनकाल से ही काशी में प्रतिदिन शास्त्रसभा का आयोजन होता था।सभा में विराजमान शास्त्रमहारथी पहले शास्त्रार्थ करते थे तत्पश्चात् दक्षिणा ग्रहण करते...
Recent Comments