समर्पण

समर्पण व्यक्ति की समस्या का तब तक समाधान नहीं होगा जब तक कि ईश्वर के प्रति समर्पण न हो और समर्पण तब तक नहीं होगा जब तक ताड़का का वध नहीं होगा शिव-धनुष भंग नहीं होगा और भगवान विष्णु का धनुष चढ़ाया नहीं जाएगा समर्पण की इस प्रक्रिया का पूर्णता की दृष्टि से रामायण में एक...

जन्मकुंडली में राहु और केतु महत्व है

जन्मकुंडली में अन्य ग्रहों के साथ-साथ राहु और केतु का भी विशेष महत्व है। राहु का नाम सुनते ही व्यक्ति अनिष्ट की आशंका करने लगता है जो कि काफी हद तक सही भी है परंतु प्रत्येक स्थिति में नहीं।ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलु की तरह एक दूसरे से विपरीत हैं, लेकिन इनका...

देववाणी संस्कृतम् संस्कृत

देववाणी संस्कृतम् संस्कृत में 1700 धातुएं, 70 प्रत्यय और 80 उपसर्ग हैं, इनके योग से जो शब्द बनते हैं, उनकी संख्या 27 लाख 20 हजार होती है। यदि दो शब्दों से बने सामासिक शब्दों को जोड़ते हैं तो उनकी संख्या लगभग 769 करोड़ हो जाती है।* संस्कृत इंडो-यूरोपियन लैंग्वेज की सबसे...

भविष्यफल स्पष्ट करने के कुछ रोचक तथ्य

भविष्यफल स्पष्ट करने के कुछ रोचक तथ्य: 1.जब चन्द्र और मंगल की पूर्ण दृष्टि होती है, तभी स्त्री को रजोधर्म होता है। स्त्री की जन्म राशि से 1,2,4,7,8,9 या 12 चंद्रमा हो तथा उस पर गोचर से मंगल की 4,7,8 वीं पूर्ण दृष्टि हो, तब स्त्री को रजोधर्म होता है। 2.जब गुरु पुरुष या...

विवाह बाधा के वैदिक ज्योतिषीय उपाय

विवाह बाधा के वैदिक ज्योतिषीय उपाय ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कुछ विशेष ग्रह दोषों के प्रभाव से वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में उन ग्रहों के उचित ज्योतिषीय उपचार के साथ ही मां पार्वती को प्रतिदिन सिंदूर अर्पित करना चाहिए। सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना...

रवियोग

रवियोग- रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र  का अत्यंत दुर्लभ शुभ संयोग होता है इस अवसर पर जो भी शुभ कार्य शुरू होगा वह अटल तथा चिरस्थाई होगा। इस योग में की गई खरीददारी न केवल शुभ होती है वरन इस मुहूर्त में खरीदी गई वस्तु खरीददार के लिए सुख, सौभाग्य और समृद्धि लेकर आती है। इस...