बृहस्पति के विषम फल, कारण और निवारण

                                        बृहस्पति के विषम फल, कारण और निवारण आज तक हम लोग गुरु को सौरमंडल का सिर्फ एक ग्रह तक ही सीमित कर पाए है, गुरु ग्रह नही बल्कि एक सकारात्मक आकर्षण होता हैं, जैसे शिखा बांधने का सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं, उसी तरह सिर पर पल्लू लेने...

नवरात्र/ नवरात्रि/ नवरात्री ~ शब्दव्युत्पत्ति-

                          नवरात्र/ नवरात्रि/ नवरात्री ~ शब्दव्युत्पत्ति- आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक का समय हम एक विशेष नाम से पुकारते हैं। कुछ लोग इसको नवरात्री कहते हैं, कुछ नवरात्रि और कुछ नवरात्र। यह शब्द समास (संक्षिप्तीकरण) से बना है।...

कुंडली मिलान क्यों जरुरी है – (संक्षिप्त में)

            कुंडली मिलान क्यों जरुरी है – (संक्षिप्त में) विवाह मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है, हिंदू वैदिक संस्कृति में विवाह से पूर्व जन्म कुंडली मिलान की शास्त्रीय परंपरा है | विवाह पूर्व भावी दंपत्ती की कुंडली मिलान करना आवश्यक है, ताकि विवाहोपरांत...

जन्म कुंडली में राजयोग-

                                जन्म कुंडली में राजयोग- ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों नक्षत्रों के बारे में उल्लेख मिलता है, कहा जाता है कि अगर किसी की ग्रहों व नक्षत्रों को जानने की इच्छा हो तो उसे इसे पढ़ लेना चाहिए। इसके अलावा इसमें जन्म कुंडली से संबंधित कई तरह की...

सप्तर्षि संवत्~

                                    सप्तर्षि संवत्~ भारत का प्राचीन संवत है जो ३०७६ ईपू से आरम्भ होता है। महाभारत काल तक इस संवत् का प्रयोग हुआ था। बाद में यह धीरे-धीरे विस्मृत हो गया। एक समय था जब सप्तर्षि-संवत् विलुप्ति की कगार पर पहुंचने ही वाला था, बच गया। इसको...

ज्योतिषशास्त्र ~ जीवनसाथी-

              ज्योतिषशास्त्र ~ जीवनसाथी- हर जातक एवं जातिका अपने जीवनसाथी के लिए स्वप्न देखते हैं और कल्पनाएं करते हैं कि उसका जीवनसाथी सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व, गुणवान, धनवान अदि हो। माता-पिता का भी यही स्वप्न होता है कि उनकी बेटी या बेटा सुखी रहे और उसे श्रेष्ठ...