महिलाओं की कुंडली देखने का तरीका भिन्न क्यो होता है?

                        महिलाओं की कुंडली देखने का तरीका भिन्न क्यो होता है? मान्यता अनुसार हस्तरेखा के प्रेडिक्शन के दौरान महिलाओं का उल्टा हाथ देखा जाता है उसी तरह कुंडली देखने का तरीका भी भिन्न होता है क्योंकि महिलाओं की कुंडली में अनेक भिन्नता होती है। 1....

“तुला लग्न और मैं” एक संपूर्ण चिंतन

                  “तुला लग्न और मैं” एक संपूर्ण चिंतन ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ तुला लग्नोदये जातः सुधी: सत्कर्मजीविक:। विद्वान सर्वकलाभिज्ञो धनाढ्यों जनपूजितः।। गुणाधिकत्वाद्द्रविणोप्लब्धि: वाणिज्यकर्मव्याति नैपुणत्वम्। पदमालये तन्नीलये न लोला न लग्न...

वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा का महत्व

                            वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा का क्या महत्व है इसे समझने के लिये हमें थोड़ा गणित ज्योतिष में भी जाना चाहिए। फलित ज्योतिष में रुचि रखने वालों को गणित ज्योतिष की आधारभूत बातों की समझ भी होनी चाहिए। हमारा वार्षिक पञ्चाङ्ग चन्द्रमा की गति पर ही...

सौर परिवार ~ विज्ञान की एक अबूझ पहेली-

                                सौर परिवार ~ विज्ञान की एक अबूझ पहेली- ज्योतिष विज्ञान में सूर्य का विशेष महत्व है। सनातन धर्म सूर्य को प्रत्यक्ष देवता मानता है तो ज्योतिष ने भी सूर्य ग्रह को पिता माना है। पिता इसलिये क्योंकि वह सभी ग्रहों के जनक हैं। जैसा कि विज्ञान...

बुध ग्रह

                    बुध ग्रह बुध ग्रह वाणी, व्यापार व स्वास्थ्य का कारक माना गया है | यह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है| बुध वाक् कला का भी द्योतक है | विद्या और बुद्धि का सूचक है | बुध के अशुभ होने का कारण अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआ को कष्ट देने, साली...

अस्त ग्रहों के फल व उसके उपाय

                                    अस्त ग्रहों के फल व उसके उपाय- ज्योतिष शास्त्र में अस्त ग्रह के परिणामों की विशद व्याख्या मिलती है। अस्तग्रहों के बारे में यह कहा जाता है : “ त्रीभिरस्तैर्भवेज्ज़डवत् ”, अर्थात् किसी जन्मपत्रिका में तीन ग्रहों के अस्त हो जाने पर...