शास्त्र भी तीन प्रकार के हैं– ज्योतिष शास्त्र, कर्तव्य शास्त्र और व्यवहार शास्त्र

                            एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया…….मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था मैं राजा बना, किन्तु उसी घड़ी मुहूर्त में अनेक जातकों ने जन्म लिया होगा जो राजा नहीं बन सके क्यों ..?इसका...

भारतीय संस्कृति के विकास एवं संरक्षण में आद्य शंकराचार्य का विशेष योगदान रहा है

                                  भारतीय संस्कृति के विकास एवं संरक्षण में आद्य शंकराचार्य का विशेष योगदान रहा है। आचार्य शंकर का जन्म पश्चिम के इतिहासकार समुदाय के द्वारा वैशाख शुक्ल पंचमी तिथि ई. सन् ७८८ को तथा मोक्ष ई. सन् ८२० स्वीकार किया जाता है, परंतु...

कुमारसम्भव

                        #कुमारसम्भव सत्रह सर्गों का महाकाव्य है।* मान्यता है कि कालिदास ने आठ सर्गों तक ही इस महाकाव्य की रचना की थी किन्तु विचारणीय विन्दु यह है कि 8सर्ग के बाद के भी श्लोक कालिदास की परिकल्पना के अनुरूप (भाषा एवं अलंकार )ही रचे गये हैं |अतः हम...

कन्या कुमारी की कथा

                            कन्या कुमारी की कथा 🔸🔸🔹🔹🔸🔸 इस जगह का नाम कन्‍याकुमारी पड़ने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने असुर बाणासुर को वरदान दिया था कि कुंवारी कन्या के अलावा किसी के हाथों उसका वध नहीं होगा। प्राचीन काल में भारत पर...

महाभारत का एक प्रसंग : वयं पंचाधिकं शतम्

                                    *महाभारत का एक प्रसंग : वयं पंचाधिकं शतम्* जुए में हारने के बाद उसकी शर्तों के अनुसार सम्राट युधिष्ठिर अपने भाइयों और पत्नी द्रोपदी के साथ 12 वर्ष का वनवास का समय बिता रहे थे। एक बार उन्होंने हस्तिनापुर से कुछ ही दूरी पर एक जंगल में...

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की महादशा के अनुसार फल

            ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की महादशा के अनुसार फल जन्म कुंडली से हम यह जानकारी करते है की कोनसे ग्रह की महादशा समस्या पैदा कर रही तो उस ग्रह का उपाय करना चाहिए, अनुकूल और प्रतिकूल दोनों ग्रहों की महादशा का उपाय करना चाहिए, ग्रह हमारे अनुकूल है या...