वास्तुशास्‍त्र की आठ प्रमुख दिशाएं एवं उनके महत्व:

                                        वास्तुशास्‍त्र की आठ प्रमुख दिशाएं एवं उनके महत्व: वास्तुशास्‍त्र में आठ प्रमुख दिशाओं का जिक्र आता है, जो मनुष्य के समस्त कार्य-व्यवहारों को प्रभावित करती हैं। इनमें से प्रत्येक दिशा का अपना-अपना विशेष महत्व है। अगर आप घर या...

ज्योतिष शास्त्र और वैवाहिक योग

                      *ज्योतिष शास्त्र और वैवाहिक योग- १:-सप्तम भाव या सप्तम से सम्बन्ध रखने वाले ग्रह की महादशा या अन्तर्दशा में विवाह होता है.! २:- कन्या की कुन्डली में शुक्र से सप्तम और पुरुष की कुन्डली में गुरु से सप्तम की दशा में या अन्तर्दशा में विवाह होता है.!...

वास्तु अनुसार गणपति स्थापन

वास्तु अनुसार गणपति स्थापन कहां किस तरह के गणेश स्थापित करना चाहिए और गणेश जी कैसे आपके घर का वास्तु सुधार सकते हैं जानिए। सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों को सफेद रंग के विनायक की मूर्ति लाना चाहिए।साथ ही, घर में इनका एक स्थाई चित्र भी लगाना चाहिए। सर्व मंगल की...

कैसा हो पूजा घर

आये जाने कैसा हो पूजा घर पूजा घर वह स्थान जहाँ से आपको नवीन ऊर्जा , शांति और सकून मिलता है 1- घर में पूजा करने वाले व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होगा तो बहुत शुभ रहता है। इसके लिए पूजा स्थल का द्वार पूर्व की ओर होना चाहिए। यदि यह संभव ना हो तो पूजा करते समय...

काशी जमीन पर नहीं है, वह शिव के त्रिशूल के ऊपर है

क्यूं कहते हैं कि “काशी जमीन पर नहीं है, वह शिव के त्रिशूल के ऊपर है!” क्योंकि काशी एक यंत्र है एक असाधारण यंत्र!! मानव शरीर में जैसे नाभी का स्थान है, वैसे ही पृथ्वी पर वाराणसी का स्थान है.. शिव ने साक्षात धारण कर रखा है इसे! शरीर के प्रत्येक अंग का संबंध...