
जन्मकुंडली में अंतर्जातीय प्रेम विवाह कब होता है

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अंतर्जातीय प्रेम विवाह या अंतर्जातीय विवाह वह विवाह होता है जो जाति या धर्म से बाहर किया जाता है।

विवाह होने के लिए कुंडली का 7वा भाव/इसका स्वामी ।।

प्रेम विवाह होने के लिए 7+5वा दोनो भाव भावेश जिम्मेदार है।

अंतर्जातीय प्रेम विवाह तब ही होता है जब सातवे और 9वे भाव पर पाप शनि या राहु का प्रभाव होगा क्योंकि शनि और राहु ही अंतर्जातीय धर्म या जाति से बाहर विवाह या प्रेम विवाह करवाते है।

वृश्चिक लग्न के कुण्डली में सातवें भाव का स्वामी शुक्र बनता है,5वे भाव का स्वामी गुरु तो 9वे भाव का स्वामी चन्द्र होता है।अब यहाँ सातवें भाव स्वामी शुक्र और पाँचवे भाव स्वामी गुरु का संबंध या शुक्र का 5वे भाव मे बैठना या देखना आदि भी प्रेम विवाह की स्थिति होगी, ऐसी स्थिति में गुरु शुक्र और नवे भाव पर राहु की दृष्टि हो या राहु बैठा होगा तब प्रेम विवाह होगा, जैसे सप्तमेश शुक्र, पंचमेश गुरु, नवमेश चंद्र तीनो एक साथ 5वे भाव मे राहु के साथ होंगे तब यह अंतर्जातीय प्रेम विवाह की बनेगी क्योंकि अब यहाँ 5वे+7वे+9वे तीनों भावो के स्वामी 5वे भाव मे राहु के साथ है और राहु की 5वे भाव से धर्म/जाति के घर। 9वे भाव पर दृष्टि भी है नवमेश चन्द्र, सप्तमेश शुक्र, पंचमेश गुरु तीनो पर प्रभाव है।यह स्थिति अंतरजातीय प्रेम विवाह कराएगी।।

जन्मकुंडली में कुम्भ लग्न में 5वे भाव का स्वामी बुध होता है सातवे भाव का स्वामी सूर्य अब यहाँ सूर्य और बुध का किसी तरह कोई संबंध हो और यह संबंध् केंद्र या त्रिकोण भावो में होगा साथ ही राहु और शनि का प्रभाव पाँचवे भाव स्वामी बुध और सातवें भाव स्वामी सुर्य पर होगा साथ ही नवे भाव के स्वामी शुक्र या नवे भाव पर पाप शनि या राहु का असर होगा जैसे, यही कुंभ लग्न में पाचवे भाव स्वामी बुध सातवे भाव स्वामी सूर्य और नवे भाव स्वामी शुक्र तीनो या इनमे से कोई दो ग्रह भी एक साथ हो साथ ही 5वे भाव को प्रभावित कर रहे होंगे साथ ही इन पर राहु या शनि भी साथ हो ,इनको प्रभावित कर रहे हो तब प्रेम विवाह होगा और यह प्रेम विवाह अंतर्जातीय होगा।।

कम शब्दों में कहू तो जब 9वे भाव या भावेश पर और साथ ही 5वे+7वे भाव पर राहु शनि का असर होगा तब अंतर्जातीय प्रेम विवाह ही होता है।ऐसी स्थिति में जब राहु या शनि का कोई प्रभाव नही होगा तब अंतर्जातीय न विवाह होता है। न प्रेम विवाह होगा।।
#विशेष–प्रेम विवाह संबंन्धी योग कमजोर हुए,या प्रेम विवाह योग बनाने वाले ग्रह अस्त हुए, बहुत ज्यादा पीड़ित हुए तब प्रेम विवाह योग भंग हो जाते है, ऐसी स्थिति में केवल अंतर्जातीय विवाह ही हो पाता है।
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