समर जो शेष था वो जय हुआ है, सबको सूचित हो, by Dr Ashwini Pandey | Jan 31, 2021 | आत्म परिचय | 0 comments समर जो शेष था वो जय हुआ है, सबको सूचित हो, समय का तेज मुझमें लय हुआ है, सबकोको सूचित हो, “सृजन है अर्थ से वंचित सदा” यह सार था जिसका, उसी अवधारणा का क्षय हुआ है, सबको सूचित हो, Submit a Comment Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ
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