माँ मदालसा: महर्षि कश्यप पुत्र गंधर्वराज विश्वावसु पुत्री

                                    माँ #मदालसा: महर्षि #कश्यप पुत्र गंधर्वराज #विश्वावसु पुत्री.. ऋषियों ने भारतभूमि को आदिकाल से अपनी तपस्या द्वारा पुण्यभूमि बनाया है। यहां अनेक प्रकार के विद्वान ऋषि तथा विदुषियां हुई हैं, जिनके अच्छे कार्यों के लिए उन्हें सदैव...

भारतीय गणित का इतिहास~ एक सिंहावलोकन-

                  भारतीय गणित का इतिहास~ एक सिंहावलोकन- सभी प्राचीन सभ्यताओं में गणित विद्या की पहली अभिव्यक्ति गणना प्रणाली के रूप में प्रगट होती है। अति प्रारंभिक समाजों में संख्याये रेखाओं के समूह द्वारा प्रदर्शित की जाती थी। यद्यपि बाद में विभिन्न संख्याओं को...

नवरात्र/ नवरात्रि/ नवरात्री ~ शब्दव्युत्पत्ति-

                          नवरात्र/ नवरात्रि/ नवरात्री ~ शब्दव्युत्पत्ति- आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक का समय हम एक विशेष नाम से पुकारते हैं। कुछ लोग इसको नवरात्री कहते हैं, कुछ नवरात्रि और कुछ नवरात्र। यह शब्द समास (संक्षिप्तीकरण) से बना है।...

गणेश विसर्जन :- ( गोबर के गणेश )

                        गणेश विसर्जन :- ( गोबर के गणेश ) यह यथार्थ है कि जितने लोग भी गणेश विसर्जन करते हैं उन्हें यह बिल्कुल पता नहीं होगा कि यह गणेश विसर्जन क्यों किया जाता है और इसका क्या लाभ है ?? हमारे देश में हिंदुओं की सबसे बड़ी विडंबना यही है कि देखा देखी में...

शिव के पंचमुख स्वरूप- एकरहस्य~

        शिव के पंचमुख स्वरूप- एकरहस्य~ जगत के कल्याण की कामना से भगवान सदाशिव के विभिन्न कल्पों में अनेक अवतार हुए जिनमें उनके सद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और ईशान अवतार प्रमुख हैं । ये ही भगवान शिव की पांच विशिष्ट मूर्तियां हैं । भगवान शिव का विष्णुजी से अनन्य...

कालिय नाग

                    कालिय नाग कालिय नाग कद्रू का पुत्र और पन्नग जाति का नागराज था। वह पहले रमण द्वीप में निवास करता था, किंतु पक्षीराज गरुड़ से शत्रुता हो जाने के कारण वह यमुना नदी में कुण्ड में आकर रहने लगा था। यमुनाजी का यह कुण्ड गरुड़ के लिए अगम्य था, क्योंकि इसी...