by Dr Ashwini Pandey | Jul 3, 2021 | Miscellaneous, Vastushastra, इतिहास, उपाय, दर्शन, वास्तुशास्त्र, वेद, सनातन धर्म, संस्कृत
मकान की नींव में सर्प और कलश क्यों गाड़ा जाता है? श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंध में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन...
by Dr Ashwini Pandey | May 29, 2021 | Astrology, Astronomy, Miscellaneous, वास्तुशास्त्र, वेद, सनातन धर्म
उत्तरायण ~ दक्षिणायन सूर्य सिद्धांत अनुसार उत्तरी ध्रुव पर देवता और दक्षिणी ध्रुव पर असुर रहते हैं जो परस्पर शत्रु है इस मेरु पर्वत को गेरे हुए पृथ्वी के चारों और लवण समुद्र है जो देवता और असुरों...
by Dr Ashwini Pandey | Apr 9, 2021 | Vastushastra, इतिहास, दर्शन, फोटो गैलेरी, वास्तुशास्त्र, सनातन धर्म
कानपुर का प्रसिद्ध मंदिर जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple Kanpur) । यह मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के के भीतरगांव विकासखंड से ठीक तीन किलोमीटर की दूरी पर बेहटा गांव में स्थित है। लोगों का कहना है कि प्राचीन मंदिर की छत से...
by Dr Ashwini Pandey | Apr 9, 2021 | Vastushastra, इतिहास, वास्तुशास्त्र, सनातन धर्म
भारत को मान्यताओं का देश कहा जाता है। यहां तमाम परंपराओं को निभाया जाता है। इसी कारण इसे आस्था का केंद्र भी माना जाता है। यहां हर चीजें भगवान का एक आदेश या संकेत के तौर पर देखी जाती हैं। इसलिए मानसून (Monsoon) की दस्तक से पहले ही कानपुर...
by Dr Ashwini Pandey | Mar 10, 2021 | Miscellaneous, वास्तुशास्त्र, सनातन धर्म, संस्कृत
:-दिशा और विदिशा :- दिकशूल विचार दिशा:-दिशा चार हैं-पूर्व,पश्चिम,उत्तर और दक्षिण। प्रातः सूर्योदय जिधर होता है वह दिशा पूर्व है,पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े होने पर पीछे पश्चिम,दाहिने दक्षिण दिशा और बायें हाथ की तरफ उत्तर दिशा होती है। विदिशा:-...
by Dr Ashwini Pandey | Feb 17, 2021 | Vastushastra, वास्तुशास्त्र
लिंगराज मंदिर- 11 वीं शताब्दी के लिंगराज मंदिर (Lingaraj Temple) को उसकी 350 वर्ष पूर्व वाली संरचनात्मक स्थिति प्रदान करने की घोषणा की गई है। प्रमुख बिंदु: लिंगराज मंदिर, शिव को समर्पित एक मंदिर है जो ओडिशा के भुवनेश्वर ज़िले में स्थित सबसे पुराने...
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